फोर्ट कलकत्ता, फैजाबाद की कहानी:-

Er Chandra Bhushan
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 फोर्ट कलकत्ता, फैजाबाद की कहानी:-

फैजाबाद, उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक शहर है, जो अयोध्या के पास स्थित है। यह नवाबों के दौर में अवध की पहली राजधानी थी। इसी शहर में एक रहस्यमयी जगह है जिसे "फोर्ट कलकत्ता" कहा जाता है। इसका नाम "कलकत्ता" क्यों पड़ा और इसका इतिहास क्या है, यह एक दिलचस्प कहानी है।

फोर्ट कलकत्ता का इतिहास:-

18वीं शताब्दी में, जब अवध पर नवाब शुजाउद्दौला का शासन था, तब अंग्रेजों और नवाबों के बीच लगातार संघर्ष चल रहे थे। 1764 में बक्सर के युद्ध में नवाब शुजाउद्दौला को अंग्रेजों के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद अंग्रेजों ने अवध के मामलों में दखल देना शुरू कर दिया।

कहा जाता है कि जब नवाब ने अंग्रेजों के बढ़ते प्रभाव से बचने के लिए अपनी सेना को संगठित किया, तब उन्होंने फैजाबाद में एक गुप्त किला बनवाया। इस किले में बड़ी संख्या में बंगाली सैनिक तैनात थे, जो कलकत्ता (अब कोलकाता) से आए थे। इसीलिए स्थानीय लोग इसे "फोर्ट कलकत्ता" कहने लगे।

फोर्ट कलकत्ता का रहस्य:-

ऐसा कहा जाता है कि यह किला अंग्रेजों के खिलाफ एक गुप्त ठिकाने के रूप में इस्तेमाल होता था।

कुछ स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, इस किले के अंदर गुप्त सुरंगें थीं, जो नवाब के महल तक जाती थीं।

किले का इस्तेमाल नवाब के खजाने को सुरक्षित रखने के लिए भी किया जाता था।

आज का फोर्ट कलकत्ता:-

आज यह किला अपने पुराने स्वरूप में नहीं है। अधिकतर भाग खंडहर बन चुका है, लेकिन फिर भी इसकी ऐतिहासिकता लोगों को आकर्षित करती है। फैजाबाद के कुछ पुराने लोग अब भी इस जगह को नवाबी दौर की एक महत्वपूर्ण विरासत मानते हैं।

यह कहानी भारतीय इतिहास के उस दौर की याद दिलाती है जब नवाबों और अंग्रेजों के बीच सत्ता संघर्ष चल रहा था, और कैसे "फोर्ट कलकत्ता" उस समय की राजनीतिक हलचल का एक अहम हिस्सा था। #fort #indianfort

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